डबरा शहर परिदृश्य

डबरा भारत के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िले में स्थित एक नगर जिसे प्राचीन काल में “पद्मपवाया” के नाम से भी जाना जाता था। महान कवि भवभूति ने अपनी शिक्षा डबरा में प्राप्त की थी। डबरा में शक्कर उत्पादक कारखाना है और यह नई दिल्ली और भोपाल से लगभग समान दूरी पर है। यह नई दिल्ली, मुंबई, भोपाल, आगरा, मथुरा, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, हरिद्वार, छपरा, गया, पुणे, नासिक, जम्मू, अमृतसर, नागपुर, रायगढ़, अमृतसर, नांदेड़, इलाहाबाद, फिरोजपुर, छिंदवाड़ा, से जुड़ा हुआ है । उदयपुर, जयपुर, अजमेर, पुरी, इंदौर, जबलपुर, सागर और भुवनेश्वर रेल नेटवर्क के माध्यम से जुड़ा हुआ है। ग्वालियर (42 किमी दूर) और झाँसी (58 किमी दूर) स्थित दो बड़े निकटवर्ती शहर हैं। यह मध्य प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी नगरपालिका है और प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर है। सिंध नदी डबरा से सिर्फ 5 किमी दूर बहती है। सोनगिर (प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल) और दतिया (प्रसिद्ध पर्यटन स्थल) डबरा से क्रमशः 15 और 30 किमी दूर हैं।
ठाकुर बाबा मंदिर में आयोजित वार्षिक मेला स्थानीय स्तर पर बहुत प्रसिद्ध है। डबरा के मूल निवासी अपनी राजनीतिकता, सच्चाई और परिवर्तनशीलता के लिए जाने जाते हैं। डबरा शहर को धान’ के बड़े पैमाने पर उत्पादन के अलावा इसके कैस्केडिंग परिदृश्य के लिए भी जाना जाता है।
नगर पालिका अध्यक्ष
श्रीमती लक्ष्मी देवी राजा जी

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी विकास परियोजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे और विकास समावेशी और न्यायसंगत हो। इसलिए, सामाजिक क्षेत्र के सुधार पर काफी जोर दिया जा सकता है जिसमें शहरी सुधार और अल्पसंख्यक सुधार कार्यक्रमों का कार्यान्वयन शामिल है।
हम आईटी और ई-गवर्नेंस में आधुनिक परियोजनाओं का लाभ उठाकर स्पष्ट और उत्तरदायी नागरिक प्रबंधन प्रदान करने का वादा करते हैं। हम अतिरिक्त रूप से वादा करते हैं कि हमारे सभी पार्षद और नागरिक अधिकारी नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में रहेंगे, उपलब्ध रहेंगे और आपको बेहतर पेशकश प्रदान करने में सक्षम होंगे।
आपकी ऊर्जावान भागीदारी और सहभागिता के बिना ऐसा कोई भी सपना किसी भी तरह से पूरा नहीं हो सकता।
नवीन कार्यों से पहले यह आवश्यक है कि जनता को होने वाली समस्याएं यथा नगर में सफाई, समय पर पेय जल , सड़क प्रकाश आदि मूलभूत सुविधाएं है , शासन ने समय समय पर कई सकारात्मक निर्देश और सर्कुलर, गजट आदि जारी किए हैं जिन के सही पालन से ही बिल्कुल सही प्रकार से मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा सकतीं हैं, इनके दोनों फायदे हैं , एक तरफ़ जहां इस से जनता से जुड़ाव अच्छा होता है, दूसरा काम अधिक सुगमता से होता है, शिकायतें भी कम होती है जिस से कर्मचारियों का समय और फोकस कार्य पर केन्द्रित रहता है।
सीएमओ के पद पर कोई भी अच्छी कारवाई नई सिर्फ दिखती है, जबकि वास्तव में वो सिर्फ पूर्व में निर्देशित नीतियों का सम्यक रूपेण क्रियान्वयन मात्र है। जिसके लिए हमारे विभाग के आयुक्त एवं प्रमुख सचिव द्वारा समय समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि में दिए गए निर्देश भी दिए जाते हैं
नगर वासियों से मेरी अपील है की नगर को स्वच्छ बनाये रखे में नगर पालिका का सहयोग करें.
मुख्य नगर पालिका अधिकारी
श्री प्रदीप सिंह भदौरिया
